अहिरवार समाज संघ नियमावली
1 सोसायटी का नाम - अहिरवार समाज संघ होगा।
2 सोसायटी का प्रधान कार्यालय मकान क्रमांक JM-78 राजीव नगर भोपाल मध्य प्रदेश में स्थित होगा । सोसायटी संपर्क नंबर (अध्यक्ष/सचिव) 8319517154 ई-मेल आई.डी. ahirwarsunion@gmail.com
3 संस्था का कार्यक्षेत्र – समस्त भारत ।
4 सोसायटी के उद्देश्य निम्नानुसार होंगेः-
(i) इस संघ का लक्ष्य अहिरवार समाज का सर्वागीण उत्थान करना और इसके गौरव को बनाए रखना होगा ।
(ii) अहिरवार समाज की सामाजिक, शैक्षणिक, राजनैतिक और आर्थिक उन्नति करना तथा अहिरवार समाज के सामाजिक अधिकारों का संरक्षण कराते हुए समाज की चहुंमुखी उन्नति करना ।
(iii) अपने अधिकारों तथा स्वत्व रक्षा के लिए सदाचार, संगठन और निर्भयता का विस्तार करना ।
(iv) समाज के लिए उचित एवं ऐच्छिक सेवा भावना को प्रोत्साहन देना ।
(v) समाज के सत्य, अहिंसा, प्रेम एवं एकता को प्रोत्साहन देना ।
(vi) समाज के हितों की रक्षा तथा सामाजिक अभावों को दूर करना ।
(vii) समाज के जीवन स्तर को ऊॅचा उठाना तथा चरित्र निर्माण करना ।
(viii) राष्ट्र के समस्त नागरिकों के साथ बिना किसी लिंग जाति तथा धर्म भेद के भातृत्व भाव बढ़ाना और सामाजिक समरसता विकसित करना ।
(ix) समाज में मादक वस्तुओं के सेवन का निषेध करना ।
(x) समय समय पर सांस्क़ृतिक/ धार्मिक कार्यक्रम, विचार गोष्टी,शैक्षिक सेमिनार, वादविवाद, निबंध प्रायोगिता, संगीत कार्यक्रम आदि का आयोजन करना ।
(xi) युवक-युवती परिचय सम्मेलन, सामूहिक विवाह,प्रतिभा सम्मान समारोह, आदि कार्यक्रम आयोजित करना ।
(xii) SC/ST/OBC वर्गो के हितो की रक्षा करना एवं इनकी उन्नती हेतु कार्य करना ।
(xiii) उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आवश्यकतानुसार मुद्रण और प्रकाशन करना ।
5 (1) संस्था के कामकाज का प्रबंध सोसायटी के विनियमों द्वारा गवर्नर संचालक परिषद समिति या शासी निकाय को सौंपा गया है, जिनके नाम, पते, तथा उपजीविका नीचे विनिर्दिष्ट की गई है :-
क्र. नाम पिता/पति का नाम पूर्ण पता
1 चौ.अमानसिंह नरवरिया चौ.सूरत सिंह नरवरिया छावनी पठार आदमपुर, रायसेन रोड़
2 राजेश कुमार अहिरवार कन्हैयालाल अहिरवार चोपडा मोहल्ला रायसेन
3 माधव
सिंह अहिरवार रामकिशन अहिरवार 26,
सांईबाबा मंदिर के पास, रचना नगर भोपाल
4 विनय कुमार बामने वैजनाथ बामने ग्राम पथरौटा, इटारसी, जिला होशंगाबाद
5 संगीता गोलिया हीरालाल गोलिया 05, गीता नगर, कोलुआ कलां, भोपाल
6 सुनील कुमार बामने अमान सिंह बामने 131, ग्राम सतवासा, बाबई, जिला होशंगाबाद
7 संजेश गोलिया प्रभुदयाल गोलिया वार्ड 14, ग्राम नगवाडा, बाबई, जिला होशंगाबाद
8 शकुन्तला अहिरवार अजीत कुमार अहिरवार विश्वास नगर, मरघट पहाडी के पास, छतरपुर
9 हरिशंकर बरगले स्व. बी.एल. बरगले 533घ/2, शारदा कॉलोनी मालाखेडी, होशंगाबाद
10 हीरा
लाल गोलिया धुरीलाल गोलिया 05,
गीता
नगर, कोलुआ कलां, भोपाल
11 रमन लाल कडोरी लाल ग्राम छातेर, उदयपुरा जिला रायसेन
कार्यक्रम
6 संघ अपने लक्ष्य तथा उद्देश्यों को मूर्तरूप देने के लिए समय तथा परिस्थितियों के अनुसार यथोचित कार्यक्रम बनायेगी एवं कार्यपूर्ति के लिये आवश्यक धन संग्रह करेगी, जिसके स्त्रोत निम्न प्रकार होंगे ।
(अ) पदाधिकारियों, कार्यकारिणी के सदस्य एवं प्रतिनिधियों के शुल्क चन्दा एवं दान ।
(आ) सार्वजनिक अनुदान एवं चन्दा ।
(इ) राज्य एवं अन्य संस्थाओं से ऋण, अनुदान आदि ।
(ई) विविध एवं प्रकीर्ण तथा जैसा समय-समय पर कार्यकारिणी समिति निर्धारित करें । कार्यक्रम अपने लक्ष्य तथा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए समय तथा परिस्थितियों के अनुसार, संघ उचित, आवश्यक और वैध कार्यक्रम बना सकती है ।
ईकाइयां/प्रकोष्ठ
7 संघ में निम्नानुसार ईकाइयां/प्रकोष्ठ गठित किया जा सकेगें-
1.युवा प्रकोष्ठ, 2. महिला प्रकोष्ठ, 3. आई.टी. सेल, 4. मिडिया सेल, 5. विधिक प्रकोष्ठ, 6. मजदूर एवं किसान प्रकोष्ठ, 7. सुरक्षा प्रकोष्ठ, 8. राजनीती प्रकोष्ठ, 9. व्यवसायिक प्रकोष्ठ
उपरोक्त सभी प्रकोष्ठों में पदाधिकारियों की संख्या मुख्य संस्था के समान प्रदेश/संभाग/जिला/तहसील/ग्राम में की जा सकेगी जो कि मुख्य संस्था के अध्यक्ष के अधीनस्थ व नियंत्रण में रहेगी ।
प्रतिनिधि की योग्यता
8 संघ के सिद्धान्तों तथा उसके द्वारा समय समय पर पारित नीति में विश्वास रखने वाला तथा गत सम्मेलनों में स्वीकृत प्रस्तावों का मन, वचन-कर्म से पालन करने वाला प्राथमिक सदस्य ही संघ का प्रतिनिधि हो सकता है ।
(अ) संघ द्वारा पारित प्रस्तावों के उल्लंघन करने पर दण्डित व्यक्ति तीन वर्ष तक प्रतिनिधि नहीं बन सकेगा और ना नही बना रह सकेगा ।
(आ) प्रतिनिधि की आयु कम से कम 21 वर्ष होना अति आवश्यक है ।
9 प्रतिनिधियों का पुन: चुनाव न हाने तक वर्तमान प्रतिनिधिगण ही अपने क्षेत्रों में संघ द्वारा समय समय पर दिये गए आदेशों तथा प्रतिपादित नीति का पालन करते हुए उन्हें क्रियात्मक रूप देने तथा दिलाने का प्रयत्न करेगें ।
(अ) सम्मेलनों तथा अन्य निमंत्रित कार्यक्रमों व अवसरों पर यथा सम्भव भाग लेने का प्रयत्न करते रहेगें ।
(आ) भारत के किसी भाग में समाज पर संकट के समय उस संकट को तन, मन, धन से दूर करने और कराने का प्रयत्न करते रहेगें ।
(इ) प्रतिनिधि सदस्य को पांच सौ (500.00) रूपये शुल्क देना होगा, जो आजीवन सदस्य माना जावेगा । तथा वह प्रदेश, जिला, ब्लॉक तहसील, स्तर पर सदस्य बनाया जावेगा । जिसका सम्पूर्ण विविरण एवं निर्धारण शुल्क मय सदस्यता सूची अहिरवार समाज संघ के मुख्यालय भोपाल में भिजवाया जाना अवश्यक होगा । जिनका एकजाई पंजिका मुख्यालय स्तर पर संधारित किया जावेगा । वही प्रतिनिधि सदस्यों का पंजीकरण क्रमांक नम्बर कहलायेगा एवं वही मतदाता कहलायेगा । शुल्क के रूप में प्राप्त सम्पूर्ण राशि मुख्यालय में कोषाध्यक्ष को जमा कराई जावेगी तत्पश्चात् जमा राशि में से पच्चीस प्रतिशत (1/4) राशि जिला कार्यकारिणी को संघ के कार्यकलापों की गतिविधियों में उपयोग लेने हेतु प्रांतीय अध्यक्ष की अनुमति प्राप्त कर प्रांतीय कोषाध्यक्ष द्वारा भिजवाई जावेगी ।
प्रतिनिधियों के अधिकार
10 (अ) प्रतिनिधि सदस्यों का समूह आमसभा कहलायेगा जो सर्वोपरि सत्ता होगी । संघ की कार्यकारिणी आमसभा के प्रति उत्तरदायी होगी ।
आवश्यकता के समय कुल प्रतिनिधि को 1/10 संख्या अपने हस्ताक्षर से महासचिव/सचिव को लिखकर प्रतिनिधि मंडल की बैठक बुलाने की मांग कर सकते हैं और यदि इस बैठक को अधिकारीगण एक मास तक न बुला सकें, तो हस्ताक्षरकर्ता प्रतिनिधिगण स्वयं प्रतिनिधियों की बैठक बुला सकते है । परन्तु ऐसी बैठक की सूचना प्रत्येक पदाधिकारी को तथा प्रतिनिधि को दो सप्ताह पूर्व देना अनिवार्य होगा।
(आ) संघ का कोई कभी अधिकारी या कार्यकारिणी का सदस्य एवं समस्त कार्यकारिणी कोई ऐसा कार्य करे जिसके कारण संघ के विधान, नीति तथा पारित प्रस्ताओं की अवहेलना हो, तो संघ की कार्यकारिणी ऐसे पदाधिकारी या सदस्य के विरूद्ध आरोप लगा सकेगी तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही या अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत व स्वीकृत कर सकेगी । यदि कार्यकारिणी इस कार्य को करने मे असमर्थ रहेगी तो प्रतिनिधि मंडल धारा 10, उप धारा (अ), के अंतर्गत बैठक बुलाकर कर पूरा कर सकेगी ।
(इ) संघ के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के निर्वाचन तथा अन्य मतदान के अवसरों पर प्रत्येक प्रतिनिधि सदस्य को एक मत देने का अधिकार होगा ।
(ई) 1. प्रादेशिक/जिला/ब्लाक/ग्रामीण तथा प्रतिनिधि सम्मेलनों के अवसरों पर प्रस्ताव तथा प्रस्तावों में संशोधन प्रस्तुत कर सकेगें।
2. प्रस्तुत प्रस्तावों के अनुमोदन तथा समर्थन कर सकेगें ।
3. प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिये प्रस्ताव की रूप रेखा कार्यकारिणी सभा को सम्मेलन से कम से कम एक सप्ताह पूर्व भेजना अनिवार्य होगा ।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिये योग्यता
11 (अ) प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को प्रतिनिधि सदस्य होना आवश्यक है ।
(आ) प्रदेश अध्यक्ष पद का उम्मीदवार मद्यसेवी नहीं होना चाहिए ।
(इ) प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की आयु कम से कम 35 वर्ष या इससे अधिक अवश्य होनी चाहिये ।
(ई) प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को हिंदी भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है ।
अन्य पदाधिकारियों की योग्यता
12 संघ का कोई पदाधिकारी मद्यसेवी नहीं होना चाहिए तथा कम से कम 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
पदाधिकारियों तथा कार्यकारिणी के सदस्यों का निर्वाचन
13 निम्नलिखित पदाधिकारियों का चुनाव प्रतिनिधियों में से प्रतिनिधियों द्वारा किया जावेगा । जिसका विवरण निम्न प्रकार है :-
क्र. पदनाम पदो की संख्या
1 राष्ट्रीय/प्रदेश संरक्षक 1
2 राष्ट्रीय/प्रदेश अध्यक्ष 1
3 राष्ट्रीय/प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष 1
4 राष्ट्रीय/प्रदेश उपाध्यक्ष 6
5 राष्ट्रीय/प्रदेश महासचिव 4
6 राष्ट्रीय/प्रदेश कोषाध्यक्ष 1
7 राष्ट्रीय/प्रदेश कार्यालय सचिव 1
8 राष्ट्रीय/प्रदेश सचिव 4
9 राष्ट्रीय/प्रदेश संयुक्त सचिव 6
10 राष्ट्रीय/प्रदेश संगठक 21
11 राष्ट्रीय/प्रदेश सदस्य कार्यकारिणी 51
क्र. पदनाम सदस्यता शुल्क
1 राष्ट्रीय/प्रदेश अध्यक्ष 15000/-
2 राष्ट्रीय/प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष 10000/-
3 राष्ट्रीय/प्रदेश उपाध्यक्ष 5000/-
4 राष्ट्रीय/प्रदेश महासचिव 5000/-
5 राष्ट्रीय/प्रदेश कोषाध्यक्ष 5000/-
6 राष्ट्रीय/प्रदेश कार्यालय सचिव 5000/-
7 राष्ट्रीय/प्रदेश सचिव 5000/-
8 राष्ट्रीय/प्रदेश संयुक्त सचिव 5000/-
9 राष्ट्रीय/प्रदेश संगठक 5000/-
10 राष्ट्रीय/प्रदेश सदस्य कार्यकारिणी 1100/-
14 (अ) प्रत्येक पद के प्रत्याशी को कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित मनोनीत पत्र भरना होगा, जिस पर प्रत्याशी के अतिरिक्त दो अन्य प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर होना आवश्यक होगा । एक प्रत्याशी के प्रस्तावक तथा अनुमोदक उसी पद के लिए अन्य प्रत्याशी के प्रस्तावक या अनुमोदक नहीं हो सकते । इन मनोनीत पत्रों को निम्न लिखित शुल्क सहित कार्यकारिणी समिति या प्रदेश कार्यालय के पास निश्चित अवधि में भेजना आवश्यक होगा ।
(आ) चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार चुनाव अधिकारी द्वारा घोषित निर्धारित अवधि में अपनी उम्मीदवारी से नाम वापस लेकर फार्म विड्रा कर लेता है तो उस उम्मीदवार का नामांकन शुल्क वापस लौटाया जा सकेगा परन्तु मनोनयन शुल्क 50/- रूपये वापस नहीं लौटाये जायेगें ।
(इ) एक व्यक्ति एक शुल्क में एक ही पद के लिए मनोनित पत्र भर सकेगा ।
(ई) एक ही व्यक्ति जो भिन्न – भिन्न पदों का प्रत्याशी है तो उसे भिन्न भिन्न निर्धारित शुल्क सहित प्रत्येक पद के लिये अलग – अलग मनोनित पत्र भरने होगें ।
(उ) एक से अधिक पदों पर चुने जाने पर कोई भी व्यक्ति एक ही पद पर अपनी रूचि के अनुसार बना रह सकेगा । अन्य पदों से उसे त्याग पत्र देना होगा ।
(ऊ) निश्चित तिथि के पश्चात आये हुए मनोनीत पत्र किसी भी अवस्था में स्वीकृत नहीं किये जा सकेगें ।
(ए) चुनाव समिति या अधिकारी मनोनीत पत्रों पर मतदाता द्वारा की गई आपत्तियों की जांच तथा अन्य नियमित जांच के पश्चात् उचित व्यक्तियें के नाम प्रकाशित कर देगें । जिन प्रत्याशियों के नाम जांच के पश्चात चुनाव अधिकारियों द्वारा प्रकाशिकत किये जा चुकेगें उन में से प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार होगा कि वे निश्चित समय तक अपना नाम लिखित रूप में वापिस ले सकें । इस धारा में नया प्रावधान (ए) (1) जोड़ा गया है , जो इस प्रकार है
(1) अहिरवार समाज संघ की कार्यकारिणी के चुनाव मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो ऐसी परिस्थिति में कार्यकारिणी के चुनाव प्रदेश कार्यालय के अलावा संभागीय/जिला/ब्लाक/ग्राम स्तर पर कराया जा सकेगा । जिसकी पूर्ण व्यवस्था मौजूदा कार्यकारिणी द्वारा चुनाव अधिकारी के माध्यम से करवाने की व्यवस्था प्रस्तावित है ।
(ऐ) नाम वापिस लेने की तिथि के पश्चात् घोषित व्यक्ति ही भिन्न – भिन्न पदों के लिये प्रत्याशी समझे जायेगें ।
(ओ) यदि नाम वापिस लेने के पश्चात प्रत्येक पद के लिये या किन्हीं पदों के लिये एक – एक प्रत्याशी ही शेष रह जाते हैं तो उन्हें ही उन पदों के लिये आगामी तीन वर्षों के लिये उचित रूपेण निर्वाचित पदाधिकारी घोषित कर दिये जाऐगें ।
(औ) यदि नाम वापिस लेने की तिथि के पश्चात प्रत्येक पद के लिये या किन्ही पदों के लिये एक से अधिक प्रत्याशी बचते हैं तो उन पदों के लिये चुनाव किया जाएगा ।
1. यदि चुनाव प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाकर करना होगा तो चुनाव के लिए प्रत्येक प्रतिनिधि को चुनाव से कम से कम पन्द्रह दिन पूर्व प्रत्याशियों की सूची सहित चुनाव में बैठक के लिए निश्चित दिन, समय तथा स्थान आदि के बारे में सूचना भेजनी आवश्यक है ।
2. इस बैठक के लिए प्रतिनिधियों की कुल सदस्य संख्या 1/3 सदस्यों का उपस्थित होना आवश्यक होगी यदि निश्चित समय से एक घंटा पश्चात् तक बैठक की गणपूर्ति नहीं होगी तो बैठक दूसरे दिन के लिए उसी स्थान तथा उसी समय तक के लिए स्थगित हो जाएगी । यदि इस बैठक में भी गणपूर्ति न होगी तो किया हुआ निर्वाचन वैद्य माना जाऐगा ।
3. निर्वाचन के लिए निर्वाचन समिति या अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी ।
4. प्रत्येक पद का चुनाव क्रमश: गुप्त मतदान द्वारा होगा ।
5. मत गणना उसी समय उपस्थित निर्वाचन समिति या अधिकारी द्वारा की जायेगी ।
शपथ
15 मैं अपने भारत के संविधान को साक्षी मानकर निष्ठापूर्वक शपथ लेता हूं कि मैं अहिरवार समाज संघ के विधान तथा अहिरवार समाज के प्रति सद्भक्त रहूंगा और ऐसा कोई कार्य नहीं करूंगा जो अहिरवार समाज के उत्थान में बाधक हो ।
निर्वाचन संबंधी प्रतिबंध
16 संघ के किसी भी चुनाव में व्यक्तिगत आक्षेप, अश्लील प्रचार, प्रचारार्थ सभाएं करना किसी भी प्रकार का अनुचित दबाव देना, प्रभाव डालना या किसी भी प्रकार का प्रलोभन देना सर्वथा वर्जित है ।
पदाधिकारियों के रिक्त स्थान की पूर्ती
17 किसी कारणवश, उदाहरणार्थ किसी पदाधिकारी की मृत्यु, पद त्याग करने पर :-
(अ) प्रदेश अध्यक्ष के अतिरिक्त अन्य पदाधिकारीयों के रिक्त पदों की पूर्ति कार्य कार्यकारिणी समिति और प्रदेश अध्यक्ष पद की पूर्ति प्रतिनिधि सभा करेगी ।
(आ) कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के रिक्त स्थानों की पूर्ति सम्बंधित अधिकार प्रदेश कार्यकारिणी को दिया गया है ।
बैंक खाता
18 सोसाइटी की निधियां अधिसूचित बैंक में जमा की जावेगी। निधियों का आहरण अध्यक्ष/सचिव तथा कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षरों से किया जाएगा ।
अध्यक्ष के अधिकार तथा कर्तव्य
19 निर्वाचित राष्ट्रीय/प्रदेश अध्यक्ष आगामी तीन वर्ष के लिये अहिरवार समाज संघ का राष्ट्रीय/प्रदेश अध्यक्ष होगा ।
(अ) प्रतिनिधी सम्मेलनों तथा अन्य सम्मेलनों, संघ की कार्यकारिणी आदि की बैठकों की अध्यक्षता करेगा और कार्यवाही को नियोजित तथा नियमित करेगा ।
(आ) कार्यवाही पंजी, वार्षिक लेखा प्रतिवेदन, तलपट और हिसाब संबंधित अन्य पत्रादि पर उनकी शुद्धता के प्रमाणित हस्ताक्षर करेगा ।
(इ) संघ के कार्य में बाधक समझे जाने वाले प्रस्तावों को प्रस्तुत करने से रोक सकेगा तथा उसकी व्याख्या करेगा ।
(ई) शांति पूर्वक कार्यवाही न होने की दशा में बैठक की कार्यवाही को स्थगित कर सकेगा ।
(उ) चैक भुगतान आदेश पर प्रदेश अध्यक्ष हस्ताक्षर करेगा और तात्कालिक आवश्यक व्यय के लिए एक मास में एक हजार रूपये (2000.00) तक के लिए कार्यकारिणी से बिना पूर्व आज्ञा लिए आवश्यक समझने पर स्वीकृत कर सकेगा या स्वयं व्यय कर सकेगा । परन्तु भविष्य में इस अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश महासचिव या सचिव तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष को व्यय का पूरा विवरण देना आवश्यक होगा ।
(ऊ) आवश्यक समझने पर प्रतिनिधि मंडल कार्यकारिणी की बैठक बुलाने के लिए प्रदेश महासचिव या सचिव को आदेश दे सकेगा ।
(ए) अहिरवार समाज संघ के कार्यों तथा गतिविधियों की देख भाल करेगा तथा इसे सुनियोजित करेगा।
(ऐ) प्रदेश अध्यक्ष केवल निर्णायक मत देने का अधिकारी होगा परन्तु किसी विशेष अवसरों तथा बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुमत या सब सदस्यों के चाहने पर अपना मत प्रकट करके (लिन्ट) देकर किसी विवादास्पद प्रश्न को सुलझा सकेगा ।
(ओ) मंत्रियों की अनुपस्थिति में या मंत्रियों के असमर्थता प्रकट करने पर या मंत्रियों द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के आदेशों की अवज्ञा करने पर प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रतिनिधि, कार्यकारिणी बैठक अन्य सम्मेलन, गोष्ठी आदि बुला सकेंगे और तत्सम्बंधी सूचना सम्बन्धित सदन को देंगे ।
(औ) संघ की कार्यकारिणी समिति के शिथिल या निश्क्रिय होने की दशा में प्रदेश अध्यक्ष अन्य पदाधिकारियों के परामर्श पर यथोचित कदम उठायेगा या अत्यंत शोचनीय दशा में संकटोत्पन्न स्थिति घोषित कर सकेगें और वर्तमान ढांचे को पुर्नगठित कर सकेगा या तदर्थ समिति बना सकेगा ।
(अ). उपरोक्त धारा (औ) के अन्तर्गत पुनर्गठित या गठित समिति का दायित्व होगा कि यथाशीघ्र नये चुनावों की व्यवस्था करें ।
(आ). प्रदेश अध्यक्ष संघ का सर्वोच्च पदाधिकारी होगा जो संघ की समस्त कार्य और गतिविधियों के संचालन और विधान की पवित्रता की रक्षा के लिए संघ के सभी अंगों से समन्वय स्थपित करेंगे ।
कार्यवाहक अध्यक्ष के अधिकार तथा कर्तव्य
20 प्रदेश अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष सभी कर्तव्यों तथा अधिकारों का पालन करेगें प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष उन समस्त कार्यों को करेगें जो प्रदेश अध्यक्ष द्वारा उन्हें सोंपे गये हों तथा प्रदेश अध्यक्ष की इच्छा अनुसार उचित कार्यों में सहयोग देगें ।
उपाध्यक्ष के अधिकार तथा कर्तव्य
21 प्रदेश अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, प्रदेश उपाध्यक्ष सभी कर्तव्यों तथा अधिकारों का पालन करेगें ।
(अ) प्रदेश उपाध्यक्ष उन समस्त कार्यों को करेगें जो प्रदेश अध्यक्ष द्वारा उन्हें सोंपे गये हों तथा प्रदेश अध्यक्ष की इच्छा अनुसार उचित कार्यों में सहयोग देगें ।
(आ) उपरोक्त अधिकारों तथा कर्वव्यों के अतिरिक्त प्रदेश उपाध्यक्ष, उन कर्तव्यों तथा अधिकारों का भी पालन करेंगे जो उन्हे कार्यकारिणी द्वारा विशेष रूप से प्रदान कियेग गये हो ।
महासचिव/सचिव के अधिकार तथा कर्तव्य
22 संघ की कार्यकारिणी, प्रतिनिधि मण्डल तथा प्रदेश अध्यक्ष के आदेशानुसार अथवा स्वयं आवश्यक समझने पर बैठक बुलाएगा तथा उनकी समयोचित व्यवस्था करेगा, उनकी कार्यवाही को पंजीकृत करेगा और आगामी बैठक में प्रस्तुत कर उन पर स्वयं हस्ताक्षर करेगा तथा प्रदेश अध्यक्ष के पुष्टिकारक हस्ताक्षर करायेगा और स्वयं बैठकों में उपस्थित होगा ।
(अ) अहिरवार समाज संघ की चल व अचल सम्पत्ति तथा कार्य सम्बंधी विवरणात्मक पंजी और लेख पत्रादि को व्यवस्थित रूप में रखेगा ।
(आ) किसी भी प्रकार के व्यय के लिए प्रदेश अध्यक्ष या कार्यकारिणी की स्वीकृति प्राप्त करेगा । परन्तु वह अपने विचाराधिकार से बिना कार्यकारिणी या प्रदेश अध्यक्ष को पहले आज्ञा लिए केवल 500/- रूपये मासिक व्यय कर सकेगा । इस अधिकार को भविष्य में सुरक्षित रखने के लिए उसे पिछले व्यय का पूर्ण विवरण प्रदेश अध्यक्ष या प्रदेश कोषाध्यक्ष को देना होगा ।
(इ) संघ के समस्त कार्यों तथा गतिविधियों की देख रेख करेगा तथा संघ सम्बंधि पत्र व्यवहार करेगा ।
(ई) अहिरवार संघ के नाम से या नाम पर आवश्यकतानुसार कार्यकारिणी के आदेशानुसार दीवानी व फौजदारी अभियोगों में उपस्थित होगा और तत्सम्बन्धि बचाव के लिए कार्य करेगा, सुलह समझौता करेगा, डिग्री हानि टुक-टूट आदि के सम्बन्ध में धन प्राप्त करेंगा या देगा ।
(उ) कार्यकारिणी के ओदशानुसार अहिरवार समाज संघ की ओर से केन्द्रीय तथा राज्य सराकारों, राजकीय, अर्द्धराजकीय, सामाजिक, प्रदेश तथा अन्तर प्रदेश संस्थाओं से सम्पर्क स्थापित करेंगा तथा संघ के लिए प्रयत्न करेगा और आवश्यकता पड़ने पर संघ की ओर से प्रतिनिधित्व करेगा ।
कोषाध्यक्ष के अधिकार तथा कर्तव्य
23 संघ की और से वैद्य और उचित उपायों द्वारा प्राप्त धन की रसीद देगा तथा व्यय किये गये धन की रसीद या वाउचर प्राप्त करेगा और आय व्यय के हिसाब को उचित ढ़ंग से रखेगा और तत्सम्बन्धि पंजी एवं लेख्य आदि अपने पास रखेगा ।
(अ) वर्ष में कम से कम एक बार प्रदेश अध्यक्ष या कार्यकारिणी के ओदशानुसार आय व्यय तथा पूंजी, तलपट, रसीद बुक आदि अवलाकनार्थ तथा जांच के लिए प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारिणी या तत्सम्बन्धि समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगा ।
(आ) विधान की धारा 19 (उ) एवं 22 (आ) के अन्तर्गत प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव को या कार्यकारिणी के आदेशानुसार किसी निर्धारित व्यक्ति को निर्धारित या आदेशित धन राशि देगा ।
(इ) कार्यकारिणी के आदेशानुसार 1000/- रू. (एक हजार रूपये) से अधिक धन को किसी निर्धारित बैंक, डाक घर या बैंकर के पास जमा करा देगा ।
(ई) चैक भुगतान पत्र, रसीदों आदि धन सम्बन्धी कागज पत्रों पर हस्ताक्षर करेंगा ।
(उ) आय व्यय, क्रय-विक्रय, पंजी तथा तलपट व हानि लाभ के मानचित्रों को कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त लेखा निरीक्षक के समक्ष जांच के लिए प्रस्तुत करेगा तथा जांच किया हुआ प्रतिवेदन आदि तथा शुद्धता का प्रमाण पत्र प्राप्ति करेगा और उसे विचारार्थ कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तुत करेगा ।
(ऊ) क्रय-विक्रय उप समिति का पदेन अध्यक्ष होगा तथा उसके कार्य की व्यवस्था, संचालन व नियंत्रण करेगा और उसका विवरण रखेगा तथा प्रस्तुत करेगा ।
कार्यकारिणी के सदस्यों के अधिकार तथा कर्तव्य
24 संघ के कार्यों के हर सम्भव प्रकार से उचित सहयोग देंगे ।
(1). कार्यकरिणी द्वारा पारित प्रस्तावों, आदेशों व निीतियों का पालन करेंगें ।
(2). कार्यकारिणी का प्रत्येक सदस्य प्रतिनिधि व कार्यकारिणी आदि की बैठकों में अपने विचारों को स्वतंत्रतापूर्वक व्यक्त कर सकेगा तथा मतदान के समय एक मत दे सकेगा ।
(3). कोई भी सदस्य संघ के कायक् के सम्बन्ध में कार्यकारिणी व प्रतिनिधि बैठकों और सम्मेलनों में प्रस्ताव रख सकेगा परन्तु प्रस्ताव पर विचार करने के लिए यह आवश्यक होगा कि प्रस्ताव का समर्थन तथा अनुमोदन कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा किया गया हो ।
(4). संघ सम्बन्धी प्रस्तावों का समर्थन तथा अनुमोदन कर सकेगा व प्रस्तावों में संशोधन रख सकेगा ।
(5). कार्यकारिणी की बैठकों में किसी भी पदाधिकारी से संघ सम्बन्धि कार्यों के बारे में प्रश्न पूछ सकेगा ।
(6). संघ की कार्यकारिणी की दृष्टि में यदि कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसकी सेवाएं समाज के लिए हित कर तथा आवश्यक समझी जाऍ तो कार्यकारिणी ऐसे व्यक्ति को कार्यकारिणी का सदस्य मनोनीत कर सकेगी ।
(7). प्रदेश अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उप-प्रधान, दोनों की अनुपस्थिति में सदस्यों द्वारा निर्वाचित तात्कालीक प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्षता करेगा ।
(8). कार्यकारिणी समिति संघ के समस्त कार्यों की व्यवस्था, वैधानिक प्रतिनिधित्व, समस्त अधिकारों व पूंजी एवं सम्पत्ति का समाज हित के कार्यों में उपयोग करेगी ।
(9). किसी भी पदाधिकारी या सदस्य के विरूद्ध आरोप लगा सकेगी तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही व अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत व स्वीकृत कर सकेगी ।
(10). संघ के लक्ष्यों एवम उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पूर्ण प्रयत्न करेगी तथा इस के लिए वैधानिक तथा उचित उपयों का निरूपण कर कार्यान्वित करेगी ।
(11). संघ के हित के लिए तथा कार्यों को तीव्र गति से चलाने के लिए किसी भी प्रकार की उप समितियों का गठन कर सकेगी और उनके नियम उप नियम बना सकेगी ।
(12). प्रादेशिक, संभागीय, जिला, बलॉक, ग्राम कार्यकारिणी तथा प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के परस्पर एवं संघ सम्बन्धि विवादों का निपटारा करेगी ।
(13). संघ के कार्य के लिए किसी व्यक्ति को नियुक्त, पद्धोन्नत, कार्यमुक्त तथा निलम्बित कर सकेगी ।
(14). कार्यकारिणी की बैठक साधारणत: वर्ष में दो बार हुआ करेगी तथा इसकी विषय सूची दिनांक व निश्चित स्थान तथा समय की सूचना प्रत्येक सदस्य को कम से कम दो सप्ताह पूर्व पहुंचा दी जाएगी ।
(16). कोई भी व्यक्ति जो संघ का दो वर्ष तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुका हो कार्यकारिणी का पदेन सदस्य होगा ।
(17). कार्यकारिणी को अधिकार होगा कि वह ऐसी बातों के बारे में जो विधान की किसी भी धारा के अन्तर्गत न आई हो, नियम, उप नियम बना सकेगी ।
(18). कार्यकारिणी प्रति वर्ष एक लेखा निरीक्षक की नियुक्ति करेगी जो संघ के हिसाब की जांच करेगा कार्यकारिणी लेखा निरीक्षक को हिसाब किताब की जांच के लिए उचित सुविधा प्रदान करेगी ।
(19). संकटापन्न परिस्थिति में संघ के हित में यथोचित कार्यवाही करेगी, परन्तु बन्धन होगा कि ऐसी कार्यवाही जो विधान में उल्लेखित कार्यकारिणी के अधिकारों से बाहर हो तो पुष्टि के लिए यथाशीघ्र रखेगी ।
सभाओ का गठन
25 (अ) प्रदेश के प्रत्येक संभाग, जिले एवं तहसील/ब्लॉक, नगर, ग्राम में अहिरवार समाज संघ (समस्त प्रकोष्ठो सहित ) की शाखाऐं होगी जो अहिरवार समाज संघ की प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक, नगर, ग्राम ईकाइयों के नाम से नामित होगीं ।
प्रत्येक संभाग, जिला एवं तहसील/ब्लॉक/नगर/ग्राम ईकाइयों में पदाधिकारियों की संख्या मुख्य संस्था के समान प्रदेश/संभाग/जिला/तहसील/ग्राम में की जा सकेगी जो कि मुख्य संस्था के अध्यक्ष के अधीनस्थ व नियंत्रण में रहेगी ।
(आ) प्रत्येक पद के प्रत्याशी को कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित मनोनीत पत्र भरना होगा, जिस पर प्रत्याशी के अतिरिक्त दो अन्य प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर होना आवश्यक होगा । इन मनोनीत पत्रों को निम्न लिखित सदस्यता शुल्क सहित कार्यकारिणी समिति या प्रदेश कार्यालय के पास निश्चित अवधि में भेजना आवश्यक होगा ।
(इ) संभाग, जिला एवं तहसील/ब्लॉक/नगर/ग्राम ईकाइयों के निर्वाचित पदाधिकारियों एवं आयोजन प्रयोजनों की सूचना समय समय पर प्रदेश कार्यकारिणी को प्रेषित करनी होगी ।
(ई) प्रत्येक संभाग, जिला, तहसील, बलॉक, नगर एवं ग्राम ईकाईया प्रदेश कार्यकारिणी के समान्य नियंत्रण एवं सुपरविजन में कार्य करेगें ।
(उ) प्रत्येक संभाग, जिला, तहसील, बलॉक, नगर एवं ग्राम ईकाईया प्रदेश कार्यकारिणी के प्रस्तावों एवं निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगी ।
(ऊ) प्रत्येक संभाग, जिला, तहसील, बलॉक, नगर एवं ग्राम ईकाईयों को प्रदेश कार्यकारिणी से अनुमोदन प्राप्त करना होगा ।
(ए) यदि कोई संभाग, जिला, तहसील, बलॉक, नगर एवं ग्राम ईकाई/सभा अहिरवार समाज संघ के विधान, नीति, पारित प्रस्तावों तथा आदेशों के प्रतिकूल कार्य करेगी तो अहिरवार समाज संघ की कार्यकारिणी समिति को अधिकार होगा कि वह ऐसी संभाग, जिला, तहसील, बलॉक, नगर एवं ग्राम ईकाई/सभा को निलंबित कर दे तथा संघ कार्य को चालू रखने के लिये उस क्षेत्र में एक तदर्थ समिति अथवा नवीन कार्यकारणी की स्थापना कर सकेगी ।
26 सोसाइटी के सदस्य निम्नलिखित प्रवर्गों के होंगेः-
(अ) संरक्षक सदस्यः वह व्यक्ति जो रूपये 5000/- या अधिक एकमुश्त दान करता है या एक साल के भीतर बारह किश्तों में भुगतान करता है, सोसाइटी का संरक्षक सदस्य होगा।
(आ) आजीवन सदस्यः वह व्यक्ति जो रूपए 2000/- या अधिक का भुगतान करता है, सोसाइटी का आजीवन सदस्य होगा।
(इ) स्थाई सदस्यः वह व्यक्ति जो रूपए 1000/- या अधिक का भुगतान करता है, सोसाइटी का आजीवन सदस्य होगा।
(ई) साधारण सदस्यः वह व्यक्ति जो रुपए 50/- प्रतिमाह या रुपए 500/- प्रतिवर्ष भुगतान करेगा, साधारण सदस्य होगा। साधारण सदस्य केवल उसी कालावधि के लिए सदस्य होगा, जिसके कि लिए वह अंशदान करेगा।
लेखा निरीक्षक
27 संघ के आय व्यय की वार्षिक जांच के लिए कार्यकारिणी एक या एक से अधिक व्यक्तियों की नियुक्ति करेगी ।
पृथ्थकीकरण
28 कोई भी व्यक्ति अपनी सदस्यता, प्रतिनिधित्व या निर्वाचित हो सकेगा, यदि उसकी मृत्यु हो जाती है, पागल हो जाता है, लिखित रूप में त्याग पत्र देता है (परन्तु जब तक त्याग पत्र वैधानिक रूप से स्वीकृत न हो अपने दायित्व से मुक्त नहीं समझा जायेगा), यदि किसी के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता हों, मांग करने पर भी निर्धारित शुल्क निश्चित अवधि में नहीं देने पर –
(अ) जो व्यक्ति किसी समिति या कार्यकारिणी समिति में अपने मूल पद अथवा सदस्यता के कारण मनोनित या निर्वाचित किया गया हो तो उपरोक्त कारणों से पृथक होने पर वह उन पदों या सदस्यता से मुक्त समझा जायेगा ।
विशेष अधिवेशन
29 संघ का विशेष अधिवेशन तब होगा जब कार्यकारिणी समिति ऐसा निश्चय करे या अधिकांश इकाइंया इसके लिए अहिरवार समाज संघ कार्यकारिणी से मांग करे ।
(अ) इस प्रकार के अधिवेशनों की व्यवस्था वह सभा करेगी जिसे अहिरवार समाज संघ कार्यकारिणी समिति चुने ।
अविश्वास प्रस्ताव
30 किसी भी पदाधिकारी कार्यकारिणी के सदस्य तथा प्रतिनिधि के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव उस विशेष बैठक में प्रस्तुत किया जा सकेगा, जिसकी संबंधित पदाधिकारियों, सदस्यों या प्रतिनिधियों को एक सप्ताह पूर्व तत्सम्बन्धी पूर्ण विविरण सहित सूचना दे दी गई हो ।
(अ) अविश्वास प्रस्ताव पर तब तक विचार नहीं किया जा सकेगा जब तक कि तत्सम्बन्धी व्यक्ति की अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर न दिया गया हो ।
(आ) अविश्वास प्रस्ताव उक्त बैठक की उपस्थित की कम से कम 2/3 के बहुमत से स्वीकृत किया जा सकेगा ।
(इ) जिस व्यक्ति के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो चुका हो वह तत्काल ही पदच्युत हो जायेगा, किन्तु दायित्व से नहीं ।
(ई) जिस व्यक्ति के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो चुका हो वह तीन वर्ष तक प्रतिनिधि नहीं हो सकेगा ।
अनुशासनात्मक कार्यवाही
31 अहिरवार समाज संघ की तथा समाज की उन्नति कार्य में बाधक होने वाले पदाधिकारी प्रतिनिधि या सदस्य के विरूद्ध कार्यकारिणी अुनशासनात्मक कार्यवाही कर सकेगी तथा यह कार्यवाही तत्सम्बन्धी व्यक्ति को पद या सदस्यता से पृथक या निलम्बित करने या अन्य रूप में हो सकेगी।
(अ) यदि कोई सदस्य या पदाधिकारी अकारण लगातार ही बैठकों से अनुपस्थित रहेगा तो कार्यकारिणी उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकेगी ।
गणपूर्ती
32 साधारणतया किसी बैठक की गणपूर्ति के लिये उसकी कुल सदस्यता की 1/3 उपस्थिति होना आवश्यक होगी । स्थगित बैठक के लिए गणपूर्ति का बंधन नहीं होगा किन्तु ऐसी बैठक की घोषणा अध्यक्ष और तत्काल उक्त बैठक में ही कर दी जायेगी ।
ध्वज
33 अहिरवार समाज संघ का अपना एक ध्वज होगा जो सफेद रंग का चौकोर होगा जिसके बीच में संघ का प्रतीक चिन्ह होगा जो अशोक चिन्ह के समान होकर बीच में सूर्य च्रक होगा । यह ध्वज संघ के सम्मेलनों, कार्यालय या अन्य अहिरवार समाज संबंधी समारोहों पर फहराया जा सकेगा ।
34 अहिरवार समाज संघ की कार्यकारिणी अपनी प्रथम बैठक में उपस्थिति के 2/3 के बहुमत से एक चुनाव न्यायाधिकरण का गठन करेगी, जिसका एक अध्यक्ष व सात सदस्य होगें ।
(अ) चुनाव न्यायाधिकरण का कोई सदस्य अपनी सदस्यता के कार्यकाल में न तो संघ के किसी निर्वाचन पद का अधिकारी हो सकेगा और न ही वह संघ के किसी निर्वाचन के लिये प्रत्याशी के रूप म ही खड़ा हो सकेगा ।
(आ) यह चुनाव न्यायाधिकरण जिस अहिरवार समाज संघ तथा विवादग्रस्त चुनाव सम्बन्धि विषियों को तीन माह में जांच करके अपना निर्णय देगा।
(इ) चुनाव न्यायाधिकारीण के निर्णय के विरूद्ध अहिरवार समाज संघ की कार्यकारिणी में न्यायाधिकरण के निर्णय देने के एक मास की अवधि में अपील की जा सकेगी। कार्यकारिणी समिति का निर्णय अन्तिम होगा।
(ई) जहां कहीं से कपटपूर्ण ढंग से प्रतिनिधियों के चुने जाने की रिपोर्ट आयेगी वहां चुनाव न्यायाधिकरण या कार्यकारिणी समिति को ऐसी शिकायतों की जांच पड़ताल और आवश्यक कार्यवाही करने का अधिकार होगा ।
(उ) जब तक किसी विवादास्पद चुनाव के बारे में चुनाव न्यायाधिकरण की अपील की गई हो तो संघ की कार्यकारिणी समिति द्वारा अन्तिम निर्णय नहीं दे दिया जाता तब तक जो व्यक्ति चुना जा चुका है वही उचित रूपेण निर्वाचित समझा जावेगा ।
चुनाव याचिका प्रक्रिया
35 यदि किसी प्राथमिक सदस्य प्रतिनिधि या पदाधिकारी का किसी के निर्वाचन पर आपत्ति हो तो उस व्यक्ति के निर्वाचन घोषणा के एक माह की अवधि में तत्सम्बंधी चुना याचिका आवयश्क तथ्यों, लेखे, पत्रों और 250/- रूपये शुल्क के साथ कार्यकारिणी समिति के पास भेज देने होंगें । एक माह के पश्चात् इस प्रकार की चुनाव याचिका पर कोई विचार नहीं होगा जब तक कि कार्यकारिणी समिति इस सम्बन्ध में कोई विशेष आदेश न दे ।
36 अहिरवार समाज संघ की प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक की कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा । यदि तीन वर्ष की अवधि में किसी कारणवश चुनाव नहीं हो सके तो कार्यकारिणी का कार्यकाल स्वत: प्रथम बार छ: माह तक एवं दूसरी बार तीन माह और बढ़ जायेगा । परन्तु इस वर्धित काल में कार्यकारिणी समिति का नव निर्वाचन अनिवार्य रूप से हो जाना चाहिए अन्यथा कार्यकारिणी समिति प्रदेश अध्यक्ष सहित सवत: पदच्युत हो जायेगी ।
विधान में संशोधन
37 इस विधान में कोई भी संशोधन, परिवर्धन, परिशोधन तब तक मान्य नहीं होगा जब तक की प्रतिनिधियों की उक्त विषयक बुलाई गई बैठक में कम से कम 3/5 के बहुमत से स्वीकृत न हो जाये ।
(अ) यदि किसी कारणवश प्रतिनिधि मंडल की बैठक न हो तो ऐसी परिस्थिति में अहिरवार समाज संघ की कार्यकारिणी समिति को तदविषयक बैठक में सदस्यों की 3/5 की उपस्थिति के बहुमत से विधान में संशोधन, परिवर्तन, परिवर्धन तथा परिशोधन करने का अधिकार होगा । परन्तु ऐसे संशोधन आदि छ: माह से अधिक मान्य नहीं होगा । यदि वह इस अवधि में प्रतिनिधि मंडल द्वारा स्वीकृत न करवा लिया गया हो ।
यात्रा व्यय
38 संघ द्वारा आयोजित बैठकों में या उसकी उपसमितियों की बैठकों में निमंत्रित व्यक्तियों को या संघ के कार्यार्थ भेजे गए शिष्ट मंडलों या व्यक्तियों का संघ द्वारा दोनों ओर का, तीसरी श्रेणी का, मार्ग व्यय, भोजन व्यय तथा अन्य उचित व्यय दिया जायेगा ।
त्याग पत्र
39 प्रदेश अध्यक्ष यदि त्याग पत्र दे तो वह प्रदेश उपाध्यक्ष को तथा अन्य पदाधिकारी या कार्यकारिणी के सदस्य त्याग पत्र दे तो प्रदेश अध्यक्ष को संबोधित करेगें ।
विघटन
40 संस्था का विघटन साधारण सभा में कुल सदस्यों के 3/ 5 मत से पारित किया जावेगा। विघटन के पश्चात संस्था की चल तथा अचल सम्पत्ति किसी समान उद्देश्यों वाली संस्था को सौंप दी जावेगी। उक्त समस्त कार्यवाही अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की जावेगी ।
सम्पत्ति
41 संस्था की समस्त चल तथा अचल सम्पत्ति संस्था के नाम से रहेगी। संस्था की अचल सम्पत्ति (स्थावर) रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा, दान द्वारा या अन्यथा प्रकार से अर्जित या अंतरित नहीं की जा सकेगी ।
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